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UPI Transactions Broke Records In 2021




प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया मुहिम रंग लाती नजर आ रही है लोगों ने कोरोना काल में डिजिटल ट्रांजैक्शन को तेजी से अपनाया है  जिसने देश में डिजिटल क्रांति लाने का काम किया है।

डिजिटलाइजेशन की ओर तेजी से बढ़ने के साथ ही पिछले महीने भीम यूपीआई ट्रांजैक्शंस में नया रिकॉर्ड कायम किया है नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई के डेटा के मुताबिक मार्च 2021 में देश में 273 करोड़ भीम यूपीआई ट्रांजैक्शन हुए हैं।


जबकि मार्च 2020  में 125 करोड़ भीम यूपीआई ट्रांजैक्शन हुए थे साल भर में यूपीआई ट्रांजैक्शन में 118% फीसदी का उछाल देखने को मिला है देश में ऑनलाइन माध्यमों से पेमेंट बढ़ाने में सबसे बड़ा योगदान यूपीआई (UPI)  यानी युनिफाइड पेमेंट इंटरफेस का रहा है जिसके जरिए लोगों ने आसानी से मिनटों में सीधे अपने खाते से भुगतान किया है। 


एनपीसीआई के डेटा के मुताबिक मार्च 2021 में  भीम यूपीआई के 5,04,886 करोड़ रुपये के लेनदेन हुए जबकि मार्च 2020 में 2,06,462 करोड़ रुपये के लेन देन यूपीआई (UPI) के जरिए हुए थे जिसका मतलब साफ है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल भीम यूपीआई के जरिए दोगुने से भी ज्यादा पैसों का लेनदेन हुआ है। 


वहीं फरवरी 2021 में भीम यूपीआई के जरिए ₹229 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए थे जिनमें ₹4,25,062 करोड़ रुपये की राशि का लेनदेन हुआ था भीम यूपीआई के जरिए बढ़ती पेमेंट से लोगों का सिर्फ ऑनलाइन पेमेंट सर्विस की तरफ बढ़ता रुझान साफ देखा जा सकता है 



Other Payment Method:-


इसके साथ ही लोगों ने बाकी पेमेंट मोड का कितना इस्तेमाल किया है चलिए यह भी जानते हैं। मार्च 2021 में आईएमपीएस (IMPS) के साथ रीयल टाइम सैटलमेंट के जरिए 36.1 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए इसमें ₹3,27,234.43 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।


वहीं भारत बिलपे (Bill pay) के जरिए 3.52 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए जिनमें ₹5,195.76 करोड़ रुपये का लेनदन हुआ इसके अलावा फास्टैग के जरिए 19.32 करोड़ ट्रांजैक्शंस हुए जिसमें ₹3,086.32 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।



Fast Tag: -


हाल ही में सरकार ने देश के नेशनल हाईवे को जाम-रहित बनाने और ऑनलाइन पेमेंट मोड को बढ़ावा देने के मकसद से पूरे देश के नेशनल हाईवे पर फास्ट टैग (Fast Tag) को अनिवार्य कर दिया है। 


अब सरकार देश में निजी कंपनियों के लिए एनपीसीआई (NPCI) जैसी न्यू अमरेला एंटिटी की स्थापना करने पर भी विचार कर रही है जिसके लिए पांच कौनसॉरीटर्म ने भारतीय रिज़र्व बैंक के पास आवेदन भी कर दिया है ये सभी कंसोटियम एनपीसीआई से पेमेंट सिस्टम स्ट्रक्चर तैयार करेंगे अभी इस सेगमेंट में NPCI का एकाधिकार है यानी NPCI अकेले ही काम करती है। 


लेकिन प्राइवेट कंपनियों के आने से एनपीसीआइ (NPCI) का एकाधिकार खत्म होगा इस तरह का पेमेंट सिस्टम बनाने के लिए देश के सभी सेक्टर की बड़ी बड़ी कंपनियां कतार में लगी है जो कि कौनसॉरीटर्म (Consortium) यानी संघ में इसके लिए आवेदन कर रही है।



1. कौनसॉरीटर्म (Consortium) आवेदन :- 


इसमें पहला कौनसॉरीटर्म  एक्सिस बैंक(AXIS BANK) आईसीआईसीआई बैंक (ICIC - BANK) Amazon, Visa, Pine Labs, BillDesk का है । 



2. कौनसॉरीटर्म (Consortium) आवेदन :- 


इसमें दूसरा कौनसॉरीटर्म  Ferbine, Kotak bank, HDFC Bank, Airtel Digital, Flipkart, Mastercard, Payu का है ।


3. कौनसॉरीटर्म (Consortium) आवेदन :-


इसमें तीसरा कौनसॉरीटर्म Paytm, Ola Financial, EPS, Induslnd Bank, Centrum Finance, Zeta Pay का है ।



इसके लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2021 रखी गई थी। बता दें कि फिलहाल रुपये यूपीआई नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस समय सभी प्रकार की रिटेल पेमेंट सेवाओं के लिए एनपीसीआई अमरेला एंटिटी के तौर पर काम कर रही है लेकिन सरकार इसका दूसरा विकल्प तलाश रही है जिससे देश का ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम और मजबूत और बेहतर बन सके। 



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2 comments

  1. Thanks for your valuable information.I read your article and it is interesting. Now i feel the role of UPI in my life. In this pandemic situation,this UPI mode transactions is help to increase my payment options more secure and easy.millions of Indians are using UPI mode transactions.here i suggest a simple and highly secured
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